कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ चाहे जैसा देखना चाहो दिखता वैसा हूँ।। कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ चाहे जैसा देखना चाहो दिखता वैसा हूँ।।
मेरे हौसलों में इतनी जान है की, उड़ाने मेरी आसमां से भी उपर इरादे इतने फौलादी मेरे, नारीरूप में भ... मेरे हौसलों में इतनी जान है की, उड़ाने मेरी आसमां से भी उपर इरादे इतने फौलादी...
और कोलाहल ? और कोलाहल ?
और फिर... और फिर...
और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं... और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं...
उतना ही आसाँ है इस मासूम नशे में बार बार डूब जाना ! उतना ही आसाँ है इस मासूम नशे में बार बार डूब जाना !